गौवंश को मीठा दलिया और गुड खिलाकर नये साल का किया सुस्वागतम
हरि नाम संकीर्तन के साथ मनाया गया नववर्ष का उत्सव
सद्विचारों के साथ स्वागत करें नये वर्ष का: देवी चित्रलेखा
हरियाणा यू0पी बार्डर पर स्थित देवी चित्रलेखा जी के गौसेवा धाम हाँस्पीटल में अंग्रेजी नववर्ष का उत्सव धूमधाम से मनाया गया।
प्रातःकाल हवन-पूजन एवं गौ सेवा धाम मैं भर्ती बीमार गौवंश को मीठा दलिया और गुड खिलाकर नये साल का सुस्वागतम किया गया।
तत्पश्चात् गौ सेवा धाम की संचालिका देवी चित्रलेखा जी के सानिध्य में गौ सेवा धामक़े पावन प्रांगड़ में भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। राधे राधे की धुन पर आस - पास व दूर-दराज के क्षेत्रों से आये समस्त भक्तजन जमकर थिरके। कार्यक्रम क़े शुरुआत मे देवी जी ने कहा कि हमें नये साल पर अच्छे आचरण का संकल्प लेना चाहिये। नौजवानों से अपील करते हुए देवीजी ने कहा कि आज की युवा पीड़ी आधुनिकता एवं आध्यात्मिकता का उचित सतुंलन बनाये रखे। समस्त आयोजन में स्थानीय जनों के अतिरिक्त दिल्ली, हिमाचल, मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र तक से आये श्रद्धालुजनों ने सहभागिता की और गौमाताओं को गुड व हरा चारा खिलाकर अपने नव वर्ष की शुरुआत की,
व समस्त कार्यक्रम में जय गौमाता क़े जयकारो की धूम रही
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित जनसमूह को भंडारे प्रसाद का वितरण किया गया।
साथ ही वर्ल्ड संकीर्तन टूर ट्रस्ट क़े तत्वावधान व देवीजी के पिताजी श्री टीकाराम शर्मा (स्वामीजी) की अध्यक्षता वाली २० रसिक जनों की अखंड हरिनाम संकीर्तन टोली अंग्रेजी नववर्ष के शुभवसर पर हरियाणा के बल्लभगढ़ पहुंची
जहाँ सैकड़ों की संख्या मे स्थानीय लोगों ने संकीर्तन यात्रा मे हिस्सा लिया व नव वर्ष पर श्री हरी नाम संकीर्तन का उच्चारण किया,
स्वामीजी ने कहा की हमको नववर्ष क़े साथ प्रितिदिन दिन भी श्री हरिनाम संकीर्तन का उच्चारण करते रहना चाहिये क्यूकि कलियुग में नाम संकीर्तन के अलावा जीव के उद्धार का अन्य कोई भी उपाय नहीं है,
और बृहन्नार्दीय पुराण में लिखे एक श्लोक का जिक्र करते हुए कहते है की –
हरेर्नाम हरेर्नाम हरेर्नामैव केवलं|
कलौ नास्त्यैव नास्त्यैव नास्त्यैव गतिरन्यथा||
अर्थात
कलियुग में केवल हरिनाम, हरिनाम और हरिनाम से ही उद्धार हो सकता है| हरिनाम के अलावा कलियुग में उद्धार का अन्य कोई भी उपाय नहीं है! नहीं है! नहीं है!