गौ पूजन व गौभंडारा कर मनाया गया गोपाष्टमी का पर्व
चित्रलेखा जी के हाँस्पीटल में विपुल गोयल जी ने मनाया गोपाष्टमी का पर्व
गोपाष्टमी पर हुआ गायों का पूजन
देशी-विदेशी भक्तों सगं मनाया गया गोपाष्टमी का पर्व
करमन बार्डर स्थित देवी चित्रलेखा जी के गौसेवा धाम हाँस्पीटल में विगत शुक्रवार को गोपाष्टमी का पर्व वड़ी धूमधाम से मनाया गया।
आस-पास के साथ दूर-दराज तथा विदेश तक से आये श्रद्धालुओं ने प्रातःकाल हवन, कीर्तन के बाद समूचे गौसेवा धाम की परिक्रमा के साथ कार्यक्रम का श्रीगणेश किया।
तत्पश्चात मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा सरकार के उघोग एवं पर्यावरण मंत्री श्री विपुल गोयल ने गायों को गुड़ खिलाकर गोपाष्टमी पर आयोजित गोष्ठी की शुरूआत की। उन्होनें बताया कि भगवान कृष्ण ने 5 साल 2 माह की उम्र में गायों को सर्वप्रथम चराना प्रारंभ किया था तभी से गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाने लगा। साथ ही श्री गोयल ने प्रदेश सरकार की उपलब्धि बताते हुये कहा कि सरकार ने गौवंश की सेवा हेतू गौसेवा आयोग के नाम से एक विभाग की स्थापना की है जो कि गौवंश के संवर्धन पर कार्य करता है। गौसेवा धाम हाँस्पीटल में की जा रही असहाय गौंवश की सेवा से प्रभावित होकर उन्होनें 11 लाख रूपये का सहयोग भी देने का आश्वासन दिया व आगामी समय में एक बड़ी अल्ट्रसाउंड मशीन हरियाणा सरकार से दिलावाने का भी आश्वासन दिया।
गौ सेवा धाम संचालिका देवी चित्रलेखाजी ने गोपाष्टमी को महत्व को समझते हुए बताया की कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गौ चारण लीला शुरू की थी. गाय को गोमाता भी कहा जाता है. क्योंकि गाय को मां का दर्जा दिया गया है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन बाल कृष्णा और बलराम ने गाय चराना शुरू किया था. एक दूसरी कहानी जो प्रचलित है, उसके अनुसार ऐसा कहा जाता है कि बाल कृष्ण ने माता यशोदा से इस दिन गाय चराने की जिद की थी और यशोदा मइया ने कृष्ण के पिता से इसकी अनुमति मांगी थी. नंद महाराज से अनुमति दे दी और एक ब्राह्मण से मिले.
ब्राह्मण ने कहा कि गाय चराने की शुरुआत करने के लिए यह दिन अच्छा और शुभ है. इसलिए अष्टमी पर कृष्ण ग्वाला बन गए और उन्हें गोविन्दा के नाम से लोग पुकारने लगे
समस्त आयोजन में आसपास की समस्त गौशालों के प्रधाऩ व समस्त चैबीसी की सरदारी पंच तथा सरपंच, देश व विदेश से आये गौभक्त मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित हजारों की संख्या में आये हुये भक्तों के लिये भंडारा प्रसाद वितरित किया गया साथ में ही 10 से ज्यादा गौशालाओं की 10 हजार से अधिक गायों के लिये गौ महाभोज हेतू हरा चारा, खीर, मीठा दलिया, हरी सब्जियाँ, गुड़, हजारों ताजी रोटियाँ आदि गौसेवा धाम में तैयार कर गौशालाओं को भिजावाई गयी।
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