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कथा के समापन दिवस मै मनाई गयी फूली होली*
*गौसेवा धाम हाँस्पीटल में चल रहे तृतीय गौ महा महोत्सव का आज समापन हुआ*
*कृष्ण की जय-जयकार से गूंज उठा गौ सेवा धाम परिसर*
*सुदामा की कथा को सुन श्रद्धालुओं की आंखों से झलके अश्रृ*
कोसी कलां व होडल के बार्डर स्थित देवी चित्रलेखा जी के द्वारा संचालित गौसेवा धाम हाँस्पीटल में सात दिनों से चल रही श्रीमद् भागवत कथा का विगत शनिवार को समापन हुआ। जिसमें मुख्य कथा वाचक पं0 कृष्ण चद्रं शास्त्री जी महाराज अपने मुखारविंद से भागवत कथा का रसपान कराया।
समापन दिवस पर ठाकुरजी ने कथा के सातवें दिन सुदामा चरित्र प्रसंग सुनाया
सुदामा की कथा को सुन श्रद्धालुओं की आंखों से अश्रु झलक पड़े
कथा व्यास श्री ठाकुर जी ने कहा कि भगवान कृष्ण ने अपने पुराने सखा जो दीन हीन हालत में थे उनके चरण पखार कर चावल का रसास्वादन किया। तीन मुट्ठी चावल के बदले तीन लोकों का राज्य देने का मन बना लिया था। इससे तात्पर्य है कि मित्रता में एक दूसरे का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें कोई छोटा बड़ा नहीं होता। सत्ता पाकर व्यक्ति को घमंड नहीं करना चाहिए। बल्कि उसे श्रीकृष्ण जैसा विनम्रता एवं उदारता का आचरण अपनाना चाहिए। जो इंसान श्रीकृष्ण के जैसा आचरण अपना लेता है। वह संसार के माेह माया से पूरी तरह त्याग कर देता है।
समापन दिवस पर फूल होली का आयोजन किया गया जिसमे मै आस पास व दूर दराज से पधारे हजारो श्रद्धालुजनों ने झाकियाँ व होली का लुत्फ़ उठाया
तत्पश्चात श्रद्धालुजनों को ब्रिज का प्रसाद वितरित किया गया।
कथा के मध्य में आश्रम हरि मंदिर पटौदी के मेहैंत श्री महा मंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी पधारे व् फूल होली मई सम्मलित हुए
बजरंग दल, गौरक्षक दल तथा अन्य कई सामाजिक संस्थाओं को मिलाकर लगभग 5000 से भी अधिक लोग इस भंडारा व समापन दिवस में सहभागी बने ।
समस्त आयोजन का संचालन गौ सेवा धाम के अध्यक्ष पं0 टीकाराम स्वामीजी ने कियाऔर सभी क्षेत्र वासिओ का आयोजन के सफल समापन पर हार्दिक आभार व्यक्त किया
समस्त आयोजन में सभी कार्यकर्ताओं का विशेष सहयोग रहा।
news by Rahul sharma tiwari
कथा के समापन दिवस मै मनाई गयी फूली होली*
*गौसेवा धाम हाँस्पीटल में चल रहे तृतीय गौ महा महोत्सव का आज समापन हुआ*
*कृष्ण की जय-जयकार से गूंज उठा गौ सेवा धाम परिसर*
*सुदामा की कथा को सुन श्रद्धालुओं की आंखों से झलके अश्रृ*
कोसी कलां व होडल के बार्डर स्थित देवी चित्रलेखा जी के द्वारा संचालित गौसेवा धाम हाँस्पीटल में सात दिनों से चल रही श्रीमद् भागवत कथा का विगत शनिवार को समापन हुआ। जिसमें मुख्य कथा वाचक पं0 कृष्ण चद्रं शास्त्री जी महाराज अपने मुखारविंद से भागवत कथा का रसपान कराया।
समापन दिवस पर ठाकुरजी ने कथा के सातवें दिन सुदामा चरित्र प्रसंग सुनाया
सुदामा की कथा को सुन श्रद्धालुओं की आंखों से अश्रु झलक पड़े
कथा व्यास श्री ठाकुर जी ने कहा कि भगवान कृष्ण ने अपने पुराने सखा जो दीन हीन हालत में थे उनके चरण पखार कर चावल का रसास्वादन किया। तीन मुट्ठी चावल के बदले तीन लोकों का राज्य देने का मन बना लिया था। इससे तात्पर्य है कि मित्रता में एक दूसरे का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें कोई छोटा बड़ा नहीं होता। सत्ता पाकर व्यक्ति को घमंड नहीं करना चाहिए। बल्कि उसे श्रीकृष्ण जैसा विनम्रता एवं उदारता का आचरण अपनाना चाहिए। जो इंसान श्रीकृष्ण के जैसा आचरण अपना लेता है। वह संसार के माेह माया से पूरी तरह त्याग कर देता है।
समापन दिवस पर फूल होली का आयोजन किया गया जिसमे मै आस पास व दूर दराज से पधारे हजारो श्रद्धालुजनों ने झाकियाँ व होली का लुत्फ़ उठाया
तत्पश्चात श्रद्धालुजनों को ब्रिज का प्रसाद वितरित किया गया।
कथा के मध्य में आश्रम हरि मंदिर पटौदी के मेहैंत श्री महा मंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी पधारे व् फूल होली मई सम्मलित हुए
बजरंग दल, गौरक्षक दल तथा अन्य कई सामाजिक संस्थाओं को मिलाकर लगभग 5000 से भी अधिक लोग इस भंडारा व समापन दिवस में सहभागी बने ।
समस्त आयोजन का संचालन गौ सेवा धाम के अध्यक्ष पं0 टीकाराम स्वामीजी ने कियाऔर सभी क्षेत्र वासिओ का आयोजन के सफल समापन पर हार्दिक आभार व्यक्त किया
समस्त आयोजन में सभी कार्यकर्ताओं का विशेष सहयोग रहा।
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