Saturday 20 January 2018

देवी चित्रलेखाजी की ये ख़ास बाते नहीं जानते होंगे आप, जानिये उनके जीवन के बारे मै, जानिये देवीजी का जीवन परिचय. Devi Chitralekha Ji | #Deviji #DeviChitralekha | Age, Family, Biography, gau seva dham hospital

कहते हैं भारत महान विभूतियों की जन्मदायी रही है. समाज को भक्ति और ज्ञान की राह दिखाने के लिए कोई आलोकिक शक्ति भक्ति पथ पर या समाज सेवी पथ पर अग्रसर होने अवश्य आता है. ऐसी ही एक दिव्य ज्योति है देवी चित्रलेखा जी. जिस उम्र में बच्चे बोलने मात्र के लिए मां-बाप पर निर्भर रहते हैं उतनी कम उम्र में देवी चित्रलेखा जी ने करीब 200 श्रीमद भागवत कथाओं का सफल आयोजन किया है.कहते हैं भारतकहते हैं भारत महान विभूतियों की जन्मदायी रही है. समाज को भक्ति और ज्ञान की राह दिखाने के लिए कोई आलोकिक शक्ति भक्ति पथ पर या समाज सेवी पथ पर अग्रसर होने अवश्य आता है. ऐसी ही एक दिव्य ज्योति है देवी चित्रलेखा जी. जिस उम्र में बच्चे बोलने मात्र के लिए मां-बाप पर निर्भर रहते हैं उतनी कम उम्र में देवी चित्रलेखा जी ने करीब 200 श्रीमद भागवत कथाओं का सफल आयोजन किया है. महान विभूतियों की जन्मदायी रही है. समाज को भक्ति और ज्ञान की राह दिखाने के लिए कोई आलोकिक शक्ति भक्ति पथ पर या समाज सेवी पथ पर अग्रसर होने अवश्य आता है. ऐसी ही एक दिव्य ज्योति है देवी चित्रलेखा जी. जिस उम्र में बच्चे बोलने मात्र के लिए मां-बाप पर निर्भर रहते हैं उतनी कम उम्र में देवी चित्रलेखा जी ने करीब 200 श्रीमद भागवत कथाओं का सफल आयोजन किया है.



देवी चित्रलेखा जी का जन्म :-

देवी चित्रलेखा जी का जन्म 19 जनवरी , 1997 में ब्राह्मण परिवार में गौरपार्षद भक्त प्रवर पंडित टीकाराम शर्मा की धर्मपत्नी श्रीमती चमेली देवी शर्मा के पवित्र कोख (गर्भ) से भारत में हरियाणा राज्य के पलवल जिले के अन्तर्गत पावन ग्राम खाम्बी में हुआ. उक्त खाम्बी ग्राम (आदिवृन्दावन) ब्रज चौरासी कोस की परिधि में ही आता है. इस कारण देवी जी को ब्रजभूमि के दिव्य संस्कार स्वतः ही प्राप्त हो गये. जन्म के उपरान्त इस आलौकिक बालिका को देखने हेतु अनेक संत, महात्मा , पंडित दम्पति के घर पधारे और भविष्यवाणी की कि यह अल्प व्यस्क चित्रलेखा जी एक दिन देश-विदेश के बड़े-बड़े विद्वानों को चकित कर देंगी.



देवी चित्रलेखा जी को दीक्षा संस्कार :-

देवी चित्रलेखा जी को मात्र चार साल की आयु में एक बंगाली संत श्री श्री गिरधारी बाबा महाराज से दीक्षा संस्कार हो गया. इनके परिवार में इनके माता-पिता, दादा-दादी,नाना-नानी पहले से ही भक्त रहे हैं। जब देवी जी 6 वर्ष की थीं तो एक बार अपने माता-पिता के साथ बरसाने में एक संत श्री रमेश बाबा महाराज के प्रवचन सुनने गई थीं. तो उन बाबा महाराज ने देवी को अपने प्रवचनों के बाद देवी जी के हाथ में माईक देकर कुछ बोलने के लिये खड़ा कर दिया कि “चलो चित्रलेखा कुछ सुनाओ तो उन्होंने हाथ में माईक लेकर करीब आधे घण्टे तक प्रवचन बोले. उस समय सभी वहाँ उपस्थित लोग भावविभोर आश्चर्य एवं चकित हो गये. स्वयं श्री श्री रमेश बाबा महाराज ने भी देवी को आशिर्वाद दिया व काफ़ी प्रशंसा की. उसी दिन से सभी को ऐसा लगा कि चित्रलेखा जी भी प्रवचन कर सकती हैं.




देवी चित्रलेखा जी की प्रथम भागवत सप्ताह :-

उनके गुरुदेव श्री श्री गिरधारी बंगाली बाबा ने प्रथम भागवत सप्ताह विधि-विधान से मथुरा वृन्दावन के समीप तपोवन में (जहां पर कात्यायनी देवी ने भगवान श्री कृष्ण को पति रुप में प्राप्त करने के लिये 60 हजार वर्ष तपस्या की थी) रख दिया. सभी लोग व इनके माता-पिता घबरा रहे थे कि बाबा आप सात दिन की श्रीमद्भागवत सप्ताह मत रखो. एक-दो दिन का ही प्रवचन रख लिजिये. ये बालिका लगातार सात दिन का भागवत सप्ताह नही कर पायेगी परन्तु उनके गुरुजी नही माने दोनों भुजा उठाकर बोले घबराओं मत मेरा आशिर्वाद है कि ये सात दिन का ही श्रीमद्भागवत सप्ताह करेगी क्योकि श्रीराधारानी ने मुझे सपना दिया है कि यहाँ पुष्प वर्षा होगी। गुरुजी का आशिर्वाद हुआ यमुना नदी के किनारे तपोवन भूमि में श्रीमद्भागवत सप्ताह रख दिया गया. जबकि यहाँ पर आस-पास दो-तीन किलोमीटर तक कोई गांव या घर नही थे सभी सोच रहे थे कि यहाँ घोर जंगल में कथा सुनने कौन आयेगा? परन्तु गुरु जी का आशिर्वाद व देवी चित्रलेखा जी की भक्ति के कारण वहाँ जंगल में 10 हजार से भी अधिक श्रोता कथा श्रवण करने के लिये रोजाना आये और वहाँ सभी साधु-संत भी कथा श्रवण करने पहुँचे. और तो और वहाँ पर देवी जी के हाथ मोर व गाय रोटी दाना खाने व चुगने लगे. पशु-पक्षी भी प्रसन्न हो गये.





देवी चित्रलेखा जी की साधारण पब्लिक स्कूल में पढाई :-


देवी चित्रलेखा जी के परिवार में कोई भी सदस्य ऐसा नही है जो कि कथा करता हो, प्रवचन करता हो या गाने बजाने वाला हो. जबकि देवी जी प्रवचन करती हैं, हारमोनियम भी बजाती हैं व भजन संकीर्तन भी गाती हैं. 100 से भी ज्यादा रागों पर देवी जी महामंत्र का संकीर्तन करती हैं. इन्हें कहीं से भी कोई शिक्षा नही दी गयी. देवी चित्रलेखा जी श्रीमद्भागवत कथाओं के साथ-साथ साधारण पब्लिक स्कूल में पढाई की. जबकि उनके गुरुदेव श्री गिरधारी बाबा ने तो ये भी कहा है कि देवी जी को पढ़ाने की भी जरुरत नही है. ये तो पूर्व जन्म से ही पढ़ी हुई हैं. फ़िर भी लोकदृष्टि से देवी जी का स्वयं कहना है कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण भी पढ़ाई करने सांदीपानी आश्रम में गये थे.




विदेशो मै भी हरिनाम प्रचार कर किया भारत का नाम रौशन

देवी जी भारत के विभिन्न प्रान्तों में श्रीमद्भागवत का प्रचार कर चुकी हैं. जैसे बिहार, हरियाणा , उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, गुजारात, मध्य-प्रदेश, उत्तरांचल, नागालैंड आदि. और अब देवी जी द्वारा भारत के बाहर भी श्रीमद्भागवत का प्रचार एवं हरिनाम संकीर्तन किया जा रहा है. जैसे कनाडा, हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया , जर्मनी , जापान 

 इसके अलावा
अमेरिका के विभिन्न राज्यों में – न्यूयार्क, न्यूजर्सी, वाशिंगटन डीसी, मैरीलैंड ,पैंसिलविनिया, टैक्सास, इण्डियाना, फ्लोरिडा, बॉस्टन, । देवी चित्रलेखा जी का उद्देश्य है कि भगवान श्री राधा-कृष्ण के नाम का देश में तथा दूसरे देशों में प्रचार हो. गुरु आज्ञा से श्री हरिनाम प्रचार करना इनका मुख्य उद्देश्य है.


देवी चित्रलेखा जी द्वारा की गई वर्ल्ड संकीर्तन टूर ट्रस्ट की स्थापना :-

वर्ल्ड संकीर्तन टूर ट्रस्ट की स्थापना 10 मार्च 2008 को पूज्य देवी चित्रलेखा जी द्वारा की गई . वर्ल्ड संकीर्तन टूर ट्रस्ट का मुख्यालय गांव-खम्बी, जिला-पलवल, हरियाणा में है. इसका शाखा कार्यालय गौ सेवा धाम” एनएच 2 गांव के पास भुलवाना गांव, होडल, पलवल (एचआर) है। वर्तमान में 100 से अधिक कर्मचारी ट्रस्ट के विभिन्न विभाग में काम कर रहे हैं। दुनियाभर में 300 से अधिक सदस्य ट्रस्ट के मिशन का समर्थन करते हैं।


देवी चित्रलेखाजी के द्वारा बीमार गौ वंश के लिए निशुलक; चलाया जा रहा है आगरा मण्डल व हरियाणा राज्य का प्रथम वातानुकुलित गौ अस्पताल:-

एक दिन, देवी चित्रलेखाजी (देवजी) ने सड़क के किनारे एक घायल गाय को देखा और पाया कि उसकी स्थिति बहुत गंभीर है. तत्पश्चात, देवजी ने गाय की सेवा में भाग लिया और अपना प्राथमिक उपचार दिया. देवीजी इस घटना के बारे में बहुत चिंतित थीं और परिणामस्वरूप घायल और बीमार गायों को उचित देखभाल और उपचार प्रदान करने का एक विचार आया और “गऊ सेवा मंदिर अस्पताल” अस्त्तिव मे आया.
कटान हेतू ले जाने वाली गायों को जब गौरक्षकों के माध्यम से गौसेवा धाम में लाया जाता है तो इन गौवशं का प्राथमिक उपचार यहँा पूर्ण निष्ठा से होता है। अन्य जीव-जन्तु पकि जैसे मोर, हिरण, लगूंर, कबूतर बकरी, ऊँट आदि की सेवा में भी गौसेवा धाम सदैव तत्पर रहता है। असहाय एवं दुर्घटनाग्रस्त गौवंश हेतू यहाँ आधुनिक एम्बुलैंस, कुशल चिकित्सक एवं कम्पाउन्डर, अत्याधुनिक एक्स-रे मशीन, लगभग 30 से भी अधिक गौसेवक, यू.पी.वी.सी खिड़कियाँ आदि जैसी कई सुविधाऐं हैं। पौष्टिक आहारों में दलिया, हरा चारा, गुड़, तथा आर.ओ का पानी आदि भी बीमार गायों को यहाँ पर प्रदान किया जाता है।






गौसेवा धाम में आ चुकी हैं कई महान हस्तिया:
बाबा रामदेव, पूज्य मोरारी बापू, आचार्य बालकृष्ण, सासंद कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा गौसेवा आयोग के अध्यख श्री भानीराम मंगला, पी.सी गु्रप के चेयरमैन श्री पद्म चंद, महामंडलेश्वर ज्ञानानंद जी, राजेन्द्र दास जी महाराज, कथा वाचक पं0 कृष्णचंद शास्त्री, पूर्व मंत्री शिवचरण शर्मा, हरियाणा सरकार के सचिव दीपक मंगला, पूर्व मंत्री हर्ष कुमार, आस्था चैनल सीईओ श्री प्रमोद जोशी आदि जैसी कई हस्तियाँ अब तक गौसेवा धाम की गौसेवा को सराह चुकी हंै।

यह आधुनिक हाँस्पीटल आसपास के 
गौ पालक व गौरक्षक दलों के लिये भी वरदान है
पालक व गौरक्षक दलों के लिये भी वरदान है। किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर गौपालक व गौरक्षक दल इसी हाँस्पीटल का आश्रय लेते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर पलवल जिले की होडल तहसील में स्थित इस दो एकड़ में फैले हुये गौसेवा धाम की पावन परिक्रमा करने हेतू दर्शनार्थी दूर-दराज के क्षेत्रों से भी आते हैं।


          You can Donate For Gau Seva Dham Hospital - http://www.worldsankirtan.org/online-donation.aspx



देवी चित्रलेखाजी का विवाह 23 मई 2017 को गौ सेवा धाम हॉस्पिटल होडल पलवल में सौरभ तिवारी
  (माधव प्रभुजी) के साथ संपन्न हुआ 


Bhajan Album of devi chitralekhaji :-

1 Radhe Radhe bol
2 Brij ki malik radhe rani
3 Padawli
4 Mahamantra
5 Sankirtan
6 Mero man lagyo barshane mai

7 Hari naam Dhan
 






Address of gau seva dham hospital :-


Gau Seva Dham Hospital & Research Center
National Highway 19, Hodal, Palwal, Haryana 121106, India 
contact number - 9991771111 9991772222 9991773333 

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Written by Rahul Sharma Tiwari 
(media coordinator- w.s.t.)

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