Thursday 13 April 2023

अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर गौ महा भोज में अपना सहयोग प्रदान कर पुण्य के भागी बनें।

 वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि (इस वर्ष 21 अप्रैल 2023 शुक्रवार) को अक्षय तृतीया का पावन पर्व है। अक्षय तृतीया का दिन साल के उन मुहूर्त में से एक है जो सबसे शुभ माने जाते हैं। इस दिन अधिकांश शुभ कार्य किए जा सकते हैं। इस दिन के इतना पावन होने की कुछ मुख्य वजह हम आपको बताते हैं 


1. इसी दिन पापनाशिनी मां गंगा का इस धरती पर अवतरण हुआ था।

2. श्री विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम जी का अवतरण हुआ था।

3. भगवान श्री गणेश और महर्षि वेद व्यास जी ने इसी दिन महाभारत की रचना करनी आरंभ की थी।

4. इसी दिन मां अन्नपूर्णा का अवतरण हुआ था।

5. इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अपने मित्र सुदामा पर धन व संपत्ति रूप में अपनी कृपा बरसाई थी।

6. पांडवों के वनवास के समय इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों को अक्षय पात्र दिया था।

7. इस दिन किया गया दान अक्षय पुण्य के रूप में संचित होता है।

 

इस दिन गंगा स्नान और गौदान करने का भी बड़ा महत्व बताया गया है. जो मनुष्य इस दिन गंगा स्नान करता है, वह निश्चय ही सारे पापों से मुक्त हो जाता है। 

इस दिन वैष्णव जन उपवास करते हैं, दिन भगवान विष्णु को चंदन का लेप लगाते हैं।


इस दिन दान करने से अवश्य ही पुण्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि सैंकड़ो योनियों में मनुष्य योनि में जन्म पाना अति दुर्लभ है। अक्षय तृतीया के दिन दान को श्रेष्ठ माना गया है, इस दिन किया गया दान अक्षय पुण्य के रूप में संचित होता है। 

इस दिन किए गए शुभ कार्य कई गुना अधिक प्रभावकारी होते हैं। हिन्दू धर्म में गाय का विशेष महत्व है, गाय को भगवान का स्थान दिया जाता हैं। गौ माता में देवी और देवताओ का वास होता हैं इसलिए गाय को गाय माता कहा जाता हैं। 

गायों की सेवा का भी इस दिन बहुत महत्व है।

देवी चित्रलेखा द्वारा मथुरा-वृन्दावन के समीप होडल पलवल में स्थित गौ सेवा धाम हॉस्पिटल में भगवान श्री कृष्ण की प्यारी गायों को छप्पन भोग लगता है, जिसमें मीठा दलिया, हरा चारा, गुड़, अनेकों फल, पौष्टिक हरी सब्जियां आदि व्यंजन खिलाए जाते हैं। 

आप भी अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर गौमाता के लिए आयोजित होने वाले गौ महाभोज में अपना सहयोग प्रदान कर पुण्य के भागी बन सकते हैं।

भारत के प्रथम अत्यआधुनिक पशु अस्पताल गौ सेवा धाम हॉस्पिटल पिछले 10 वर्षों में 20,000 से अधिक बीमार व पीड़ित गायों का निशुल्क इलाज कर चुका है, 400 से अधिक बीमार गौवंश को यहाँ भर्ती कर उनकी देखभाल (इलाज) की जा रही है। 

यहाँ बीमार गौमाता की देख-रेख और उपचार के लिए 100 से अधिक कर्मचारी जैसे - डॉक्टर, गौ सेवक, एम्बुलेंस ड्राइवर, ऑफिस स्टाफ इत्यादि दिनों-रात उपलब्ध रहते हैं।


तो इस अक्षय तृतीया को खाली न जाने दें, इसका पूरा लाभ उठाएं व प्रभु की आराधना करें। अक्षय तृतीया की मंगलकामनाओं के साथ, आप सभी को राधे-राधे।